ट्रेन में महिलाओं को पहले मिलेगी खाली बर्थ, रेलवे बोर्ड ने लिया ये फैसला !

women in sleeper class 2018228 17393 28 02 2018पूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ दिल्ली -भारतीय रेल में अकेले सफर करने वाली महिलाओं के लिए खुशखबरी है। एक अंग्रेजी अखबार की मानें तो रेलवे बोर्ड ने दक्षिण रेलवे को ये निर्देश दिए हैं कि वो हर स्लीपर कोच में महिलाओं के लिए अलग से 6 बर्थ आरक्षित रखें। इसमें उम्र का भी कोई बंधन नहीं रखा गया है।
अपने आदेश में रेलवे बोर्ड ने साफ कर दिया है कि ये 6 बर्थ उन महिला मुसाफिरों के लिए आरक्षित होंगे, जो अकेले सफर कर रही होंगी। इसके अलावा अगर महिलाएं एक पीएनआर नंबर पर समूह में सफर कर रही होंगी, तो भी ये सीटें उनके लिए आरक्षित रहेंगी।
पहला चार्ट बनने के वक्त अगर इन 6 सीटों पर रिजर्वेशन नहीं हुआ होगा तो ऐसी सूरत में ये सीटें वेटिंग लिस्ट वाली उन महिलाओं को दे दी जाएंगी, जो अकेले सफर कर रही होंगी। वहीं ये बर्थ खाली रहने पर अगली प्राथमिकता वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगी।
रेलवे बोर्ड का ये फैसला इस बात को जांचने के बाद आया कि जो बर्थ महिला कोटे के तहत आऱक्षित किए जाते हैं। उनपर रात में कोई नहीं रहता है। ऐसी सूरत में ये सीटें सामान्य-प्रतीक्षा सूची वाले मुसाफिरों को दे दी जाती हैं। हालांकि वो महिला इसका फायदा नहीं उठा पाएंगी, जो किसी पुरुष के साथ सफर कर रही होगी।
इसका मतलब पहला आरक्षण चार्ट बनने के वक्त अगर महिला कोटे के तहत दो बर्थ खाली रह गई तो उस महिला यात्री को पहले सीट मिलेगी, जो अकेले सफर कर रही होगी। भले ही उसका RAC नंबर अकेले सफर कर रहे पुरुष से ज्यादा भी क्यों न हो। महिला कोटे के तहत बर्थ मिलने की दूसरी प्राथमिकता वरिष्ठ नागरिकों को दी जाएगी। रेलवे बोर्ड के अधिकारी ने ये जानकारी दी।
इसके अलावा रेलवे बोर्ड ने बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और 45 साल के पार हो चुकी महिलाओं के लिए स्लीपर कोच में 6 बर्थ आरक्षित रखने का आदेश दिया है, क्योंकि इनके लिए ऊपर के बर्थ पर चढ़ना मुश्किल होता है।
केवल स्लीपर क्लास में ही नहीं, बल्कि थर्ड और सेकेंड एसी में अकेले सफर कर रही और गर्भवती महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने को कहा गया है। वहीं राजधानी और दुरंतो जैसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेनों में भी इस तरह की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है। इन ट्रेनों में हर एसी कोच में चार लोअर बर्थ इस तरह के मुसाफिरों के लिए आरक्षित रहेंगी। इन सीटों के बुक नहीं होने की सूरत में तय नियमों के तहत बर्थ दी जाएगी। इससे ट्रेन में सफर कर रही महिलाओं को आसानी होगी।