
मामला एसबीआइ हटिया ब्रांच का है। प्रभा देवी न्यू मार्केट धुर्वा की रहने वाली है। प्रभा देवी का दो वर्षीय बेटा रॉयल हाइड्रोसिफैलिस बीमारी से पीड़ित है। इलाज में लाखों खर्च हो रहा है। बच्चे के पिता राजेंद्र पासवान एचईसी में मजदूरी करते हैं। परिवार की आय इतनी नहीं है कि अपने दम पर बच्चे का समुचित इलाज करवा सके।
पिछले वर्ष 28 नवंबर को रॉयल को पैरालिसिस का अटैक आया था। रिम्स में बच्चे के सिर का ऑपरेशन हुआ। बच्चे को अभी और इलाज की दरकार है। प्रभा देवी ने 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री रघुवर दास से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई थी। सीएम की घोषणा के बाद 16 फरवरी को एक लाख का चेक मिला था।
18 फरवरी को चेक बैंक में जमा किया गया। 23 फरवरी को बैंक ने वापस कर दिया। पूछने पर बताया गया कि चेक में किया गया साइन मैच नहीं कर रहा है। मुख्यमंत्री राहत कोष की ओर से दिए गए इस चेक में मुख्यमंत्री के सचिव सुनील वर्णवाल और उप सचिव के हस्ताक्षर हैं।
गोद लिया हुआ बेटा है रॉयल-
प्रभा देवी का बेटा रॉयल गोद लिया हुआ है। दरअसल उसे यह बीमारी जन्म से है। पटना के पीएमसीएच अस्पताल में उसके असली माता पिता ने जन्म के बाद उसे गेट पर ही छोड़ दिया था। बच्चे पर प्रभा देवी की नजर वहीं पड़ी थी और उसे तत्काल अपना लिया था। सुनील वर्णवाल का कहना है कि चेक बाउंस होने के कारणों की जानकारी नहीं है। कुछ हुआ भी होगा तो सुधार कर पैसा दिया जाएगा।
Post a Comment