बैंक घोटाला : SBI को PNB से रकम वापस मिलने की उम्मीद

pnb sbi news final 26-0218 26 02 2018पूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ दिल्ली -सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में अपना फंसा कर्ज वापस मिलने की पूरी उम्मीद जताई है। एसबीआई के चेयरमैन व एमडी रजनीश कुमार ने कहा कि नीरव मोदी मामले में बैंक का 1,360 करोड़ रुपये फंसा हुआ है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि पीएनबी और अन्य बैंकों के बीच का यह मामला जल्द सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पीएनबी का मामला क्रेडिट जोखिम का नहीं, बल्कि परिचालन जोखिम का है।
कुमार ने कहा, "जहां तक पीएनबी में हमारे एक्सपोजर का सवाल है, तो हमारे कर्ज की रकम तय होने में कोई झोल नहीं है और पीएनबी को भी यह पता है। इसलिए हमारे कर्ज, हमारी रकम पर कोई मतभेद नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि पीएनबी घोटाले में शामिल कंपनियों में एक गीतांजलि जेम्स में भी हमारे कर्ज की मात्रा बेहद स्पष्ट है, इसलिए उसके भी फंसे रहने का कोई सवाल नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि क्या इस तरह के और भी घोटाले सामने आ सकते हैं, कुमार ने कहा कि अब तक के हिसाब से पीएनबी का मामला एक खास शाखा तक ही सिमटा लग रहा है। उन्होंने कहा, "कम से कम एसबीआइ के मामले में तो मैं कह सकता हूं कि इस तरह का और कोई मामला, और कोई समस्या नहीं है। मुझे लगता है कि हमारी ही तरह अब तक अन्य बैंकों ने भी वस्तु-स्थिति का आकलन कर लिया होगा और अपने कर्जों की समीक्षा कर ली होगी। ऐसे में अगर इस तरह का कोई और मामला सामने आना होता, तो अब तक आ चुका होता।"
कोर बैंकिंग सॉल्यूशन को स्विफ्ट सिस्टम से जोड़ने के बारे में कुमार ने कहा कि एसबीआई को अब तक बैंकिंग नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) से किसी तरह का कोई संदेश नहीं मिला है। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि आरबीआइ ने बैंकों को ग्लोबल मनी ट्रांसफर सॉफ्टवेयर स्विफ्ट को लेकर सुरक्षा तंत्र विकसित करने की सलाह जरूर दी है, और बैंक अप्रैल से इसे लागू करने की हालत में होंगे।
ओबीसी ने कहा, द्वारका दास 2014 से ही डूबा कर्ज-
सार्वजनिक क्षेत्र के कर्जदाता ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) ने 389.85 करोड़ रुपये के फंसे कर्ज के बारे में कहा है कि इस कर्ज से जुड़ी एक कंपनी द्वारका दास इंटरनेशनल को जून 2014 में ही विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया था।
बैंक ने सोमवार को कहा कि प्रक्रिया के तहत केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को इसकी सूचना दी जा चुकी है। बैंक ने यह भी कहा कि उसने अपने खाते में से इस कर्ज की भरपाई कर दी है और बैंक के मुनाफे पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
इस बीच, बैंक ने यह भी कहा है कि सिम्भावली शुगर्स से संबंधित पहला मामला सीबीआई में सितंबर 2015 में ही दर्ज कराया जा चुका है। इसकी संशोधित शिकायत पिछले वर्ष नवंबर में दर्ज करायी गई।