भारत के 1.8 टन वजनी ड्रोन से घबराया पाकिस्तान, कही ये बात

पाकिस्तान ने जताई चिंतापूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ दिल्ली -भारत की ड्रोन टेक्नॉलजी से पाकिस्तान में घबराहट साफ देखी जा सकती है। भारत के रुस्तम-2 ड्रोन पर पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने सवाल उठाए हैं और गहरी चिंता जताई है। पाकिस्तान को चिंता सता रही है कि कॉम्बैट ऑपरेशंस में भी भारत इसका इस्तेमाल कर सकता है। बता दें, हाल ही में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने रुस्तम-2 ड्रोन का सफल परिक्षण किया था।

पाकिस्तान ने जताई चिंता पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा है कि ‘अगर परंपरागत और गैरपरंपरागत क्षेत्रों में निर्माण एवं सैन्य क्षमताओं के विस्तार के संदर्भ में देखा जाए तो भारत द्वारा ड्रोन टेक्नॉलजी का विकास करना चिंताजनक है।
भारत ने बनाया है ड्रोन पाकिस्तान की बौखलाहट की मुख्य चिंता है कि स्तम-2 ड्रोन, जिसके डीआरडीओ ने मेरिका के प्रीडेटर ड्रोनों की तर्ज पर विकसित किया है। ये ड्रोन सशस्त्र बलों के लिए निगरानी एवं रेकी की भूमिकाओं को निभा सकता है। रुस्तम-2 ड्रोन एक मानवरहित विमान है जो 21 मीटर लंबा हैं। इसका वजन 1.8 टन है, वहीं इसकी स्पीड 225 kmph है। ये 350 किलो वजन के हथियारों के साथ एक बार में 24 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
रुस्तम-2 का सफल परीक्षण किया इस ड्रोन में सिंथेटिक अपर्चर रडार, मेरीटाइम पेट्रोल रडार और टक्कर रोधी प्रणाली लगाई गई है, जो इसे ओर भी खास बनाती है। रुस्तम-2 ड्रोन के बारे में डीआरडीओ ने बयान जारी करके कहा- ''डीआरडीओ ने चित्रदुर्ग के चलाकेरे में अपने एरोनॉटिकल परीक्षण रेंज (एटीआर) में आज रुस्तम-2 का सफल परीक्षण किया।
साल 2001 में रुस्तम दमानिया की मृत्यु हो गई थी। सफल परीक्षण के सभी मानक ''सामान्य'' रहे. रुस्तम-2 अलग-अलग तरह के पेलोड साथ ले जाने में सक्षम है।' बता दें, इस ड्रोन का नाम पूर्व साइंटिस्ट रुस्तम दमानिया के नाम पर रखा गया है। उनकी रिसर्च 80 के दशक में एविएशन सेक्टर में काफी काम आई थी। साल 2001 में रुस्तम दमानिया की मृत्यु हो गई थी।