पूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ भोपाल - राज्य सरकार कर्मचारियों को साधने का आखिरी मौका भी नहीं खोना चाहती है। बुधवार को आ रहे सरकार के आम बजट में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 60 से बढ़ाकर 62 करने की घोषणा की जा सकती है। इसे लेकर मंगलवार देर रात तक मंत्रालय में बैठक का दौर चला। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वित्तमंत्री जयंत मलैया इस विषय पर मंथन करते रहे ।

रिक्त पदों पर भर्ती न होने के कारण मैन पॉवर कम हो रहा है। इसे देखते हुए कर्मचारी सेवानिवृत्ति आयुसीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उधर, पदोन्नति में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के कारण पदोन्न्ति से भरे जाने वाले पद भी रिक्त हैं। इसलिए सरकार को काम करने वाले अफसर-कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं। जिसे देखते हुए कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति उम्र 62 साल की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने देर रात कर्मचारी कल्याण परिषद के अध्यक्ष रमेश शर्मा को बुलाकर इस विषय पर काफी देर मंथन किया। उनसे पूछा गया कि किन राज्यों में यह व्यवस्था पहले से है। शर्मा ने बताया कि प्रदेश में ज्यादातर संवर्ग के कर्मचारी 62 साल की आयु में रिटायर हो रहे हैं। चंद कर्मचारी संवर्ग इससे छूटे हैं। जिन्हें यह लाभ दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि छग में वर्तमान में यह व्यवस्था लागू है।
किसान विरोधी छवि को बदलेगी सरकार
मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान हुए गोलीकांड के कारण शिवराज सरकार इस बजट में किसान विरोधी छवि को बदलेगी। किसानों की आमदनी बढ़ाने को लेकर समर्थन मूल्य और कई तरह की घोषणाएं बजट में की जा सकती हैं। गौरतलब है कि चुनावी साल होने के कारण सरकार के बजट का फोकस गांव, खेत-किसान, स्वास्थ्य सहित सोशल सेक्टर पर रहने की संभावना है।
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